सीन एक: हवेली का तहखानाकाली अंधेरी सुरंग में कबीर अकेला खडा था. हाथ में टॉर्च और दस्तावेज. टॉर्च की ...
एक. गरीबी का अंधेराकबीर का बचपन शहर की सबसे तंग गलियों में बीता. उसकी माँ बीमार थीं और पिता ...
साल दो हजार पच्चीस, दिल्ली की पुरानी गलियों में, जहाँ इतिहास की दीवारें अभी भी फुसफुसाती हैं, एक नई ...
हवेली की रात जैसे किसी अनजाने उत्सव से निकलकर गहरी खामोशी में बदल चुकी थी. सितारे आसमान पर टिमटिमा ...
Veer Zara“मैं मर भी जाऊँ तो लोग कहेंगे कि एक हिंदुस्तानी ने पाकिस्तान से इतनी मोहब्बत की कि वह ...
नोटबुक के पन्नों में कई कच्चे नक्शे बने हुए थे—किसी पुराने शाही योजनाकार ने जैसे हवेली के अंदर की ...
(यह फिल्म 1957 में रिलीज़ हुई थी, निर्देशक — मेहबूब खान, मुख्य भूमिकाएँ — नर्गिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार ...
दृश्य – हवेली का तहखाना, जहाँ अभी- अभी सुनीता आंटी का वीडियो खत्म हुआ है. माहौल में अजीब सी ...
एक दुकानदार अब्दुर्रहमान ने अभी अपनी दुकान खोली ही थी कि एक औरत आई और बोली —“भाई साहब, ये ...
सच्चाई का दंगल"हवेली की ऊँची छतों से झूलते झूमरों की सुनहरी रोशनी में सब कुछ शाही दिखाई दे रहा ...