Ajay Kumar Awasthi - Stories, Read and Download free PDF

मिडिल बर्थ - 4

by Ajay Kumar Awsthi
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मिडिल बर्थ पार्ट 4 आज मैं उसके घर पर था । उनका घर बहुत सुंदर था । सामने आंगन ...

मिडिल बर्थ - 3

by Ajay Kumar Awsthi
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मंदिर में भगवान के दर्शन के बाद हम वहीं पास के गार्डन की बेंच पर बैठ गए । गार्डन ...

कण कण उनका शस्त्र है

by Ajay Kumar Awsthi
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1. रामचरित मानस में कथा है कि भगवान श्री राम माँ सीता जी के साथ चित्रकूट में एक शिला ...

मिडिल बर्थ - 2

by Ajay Kumar Awsthi
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मिडिल बर्थ पार्ट - 2 जमशेदपुर जाना मेरे लिए मुश्किल ...

मिडिल बर्थ - 1

by Ajay Kumar Awsthi
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रात काफी हो चुकी थी ट्रेन अभी अभी प्लेटफार्म में आकर रुकी थी और मैं अपनी बर्थ पर आकर ...

माँ और मिट्टी

by Ajay Kumar Awsthi
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मातृ दिवस पर..... माँ और मिट्टी एक बरगद का पेड़ पिछले दस सालों से मेरी छत में एक गमले ...

नृसिंह भगवान प्रकृति और पुरुष

by Ajay Kumar Awsthi
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भगवान नृसिंह मानव और पशु का रूप हैं इसे समझना होगा वस्तुतः यह प्रकृति और प्रकृति के स्वामी का ...

प्यासे दिलों की दास्तां

by Ajay Kumar Awsthi
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उसका रमेश से लिपट जाना रमेश के लिए सुखद आश्चर्य था । रमेश उसे चाहता था पर अपनी हद ...

क्यूं मुश्किल में जान फसाये है

by Ajay Kumar Awsthi
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चमगादड़ एक ऐसा जीव है,जो रात के अंधेरे में उड़ता है,और जब सब जानवर सो रहे होते हैं, वो ...

प्यार की साज़िश

by Ajay Kumar Awsthi
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"तुम अपना... रंजो ग़म अपनी परेशा...नी मुझे दे दो....." साहिर साहब का ये गीत रेडियो में बज रहा था ...