Aarti Garval - Stories, Read and Download free PDF

मुलाक़ात - एक अनकही दास्तान - 5

by Aarti Garval

सूरज अपनी अंतिम किरणों को धरती पर बिखेरते हुए धीरे-धीरे क्षितिज की ओर ढल रहा था। जैसलमेर की सोनाली ...

इश्क और इरादे - 4

by Aarti Garval
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कॉलेज में तीसरा दिन था।शिवम अब धीरे-धीरे इस नए माहौल से घुलमिल रहा था। हर सुबह वह सबसे पहले ...

इश्क और इरादे - 3

by Aarti Garval
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सुबह की हल्की गुलाबी धूप खिड़की के शीशे से छनकर शिवम के कमरे में फैली हुई थी। दीवार पर ...

इश्क और इरादे - 2

by Aarti Garval
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सुबह की हल्की धूप खिड़की से अंदर झाँक रही थी, लेकिन शिवम की आँखें मोबाइल स्क्रीन पर टिकी थीं। ...

मुलाक़ात - एक अनकही दास्तान - 4

by Aarti Garval
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संयोगिता के जाने के बाद आदित्य के मन में एक बेचैनी घर कर गई। वह जानता था कि उसकी ...

मुलाक़ात - एक अनकही दास्तान - 3

by Aarti Garval
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धीरे-धीरे जैसलमेर की वो पुरानी गलियाँ आदित्य के लिए सिर्फ शहर की गलियाँ नहीं रहीं। वे उसके दिल की ...

इश्क और इरादे - 1

by Aarti Garval
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गरीबी सिर्फ जेब में नहीं होती, यह इंसान के दिल और दिमाग पर भी असर डालती है। शिवम ने ...

मुलाक़ात - एक अनकही दास्तान - 2

by Aarti Garval
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महोत्सव की भीड़ धीरे-धीरे छंटने लगी थी, लेकिन आदित्य की आँखों में अब भी वही छवि बसी थी—संयोगिता, मंच ...

साजिशो का सिलसिला - 5

by Aarti Garval
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अर्जुन सिंह अब समझने लगा था कि नैना कपूर की हत्या सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला नहीं था, बल्कि इसके ...

मुलाक़ात - एक अनकही दास्तान - 1

by Aarti Garval
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रात का दूसरा पहर था। जैसलमेर का सोनार किला चाँदनी में नहाया हुआ था, और रेगिस्तान की ठंडी हवा ...